मौसम बदलते ही हो गया सर्दी-जुकाम? बिना दवा के भी इन उपायों से पा सकते हैं आराम

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नई दिल्ली : सर्दियों की शुरुआत होते ही अक्सर लोगों को सर्दी-जुकाम और बुखार की दिक्कतें होने लगती हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उन्हें ये बीमारी अक्सर या लंबे समय तक परेशान करने वाली हो सकती है। कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों की मदद से आप इससे आराम पा सकते हैं।

देश के कई राज्यों में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। सुबह-शाम ठंड और दिन के समय धूप और गर्मी वाला ये मौसम आपकी सेहत के लिए कई तरह की चुनौतियां पैदा कर सकता है। मौसम में इस तरह के बदलाव के कारण इंफ्लूएंजा का संक्रमण भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि सर्दियों की शुरुआत होते ही अक्सर लोगों को सर्दी-जुकाम और बुखार की दिक्कतें होने लगती हैं। क्या आप भी इस तरह की दिक्कतों से पीड़ित हैं?

डॉक्टर कहते हैं, एलर्जी, तापमान में परिवर्तन तथा वायरस-बैक्टीरिया के संपर्क में आने के कारण आपके बीमार होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उन्हें ये बीमारी अक्सर या लंबे समय तक परेशान करने वाली हो सकती है।

हालांकि हर बार सर्दी-जुकाम होने पर आपको दवा लेने की जरूरत नहीं है, कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों की मदद से भी आप इससे आराम पा सकते हैं।

सर्दी-जुकाम या मौसमी फ्लू का खतरा

अध्ययनों से पता चलता है कि अचानक तापमान में बदलाव से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे आप संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। मौसमी एलर्जी के कारण नाक बहने और गले में जलन के साथ खांसी की दिक्कत होना काफी सामान्य है। इसके अलावा मौसम में बदलाव के साथ वायरस, बैक्टीरिया भी अधिक सक्रिय हो जाते हैं जिनके संपर्क में आने के कारण गले में खराश, सूखी खांसी, बुखार जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

अगर आप भी सर्दी-जुकाम या मौसमी फ्लू के लक्षणों से परेशान हैं तो कुछ उपायों से इसमें आराम पा सकते हैं।

सर्दी-जुकाम में फायदेमंद है शहद

अध्ययनों से पता चलता है कि शहद में कई ऐसे औषधीय गुण होते हैं जिससे फ्लू के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। शहद में प्राकृतिक एंटीबायोटिक और काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सर्दी-जुकाम में लाभ पहुंचाते हैं। बदलते मौसम के दौरान शहद में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर खाने से कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ मिल सकता है। इसके सेवन से गले की खराश और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है।

काली मिर्च भी है फायेदमंद

शहद गले की सूजन को कम करने में और काली मिर्च फेफड़ों में जमे बलगम को निकालने में मदद करती है। यह मिश्रण श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में भी सहायक है। काली मिर्च में पिपरिन नामक एक यौगिक पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ने में मदद करता है।

शहद और काली मिर्च का एक साथ सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। काली मिर्च में विटामिन-सी और फ्लेवोनॉइड्स होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं। इस मिश्रण के सेवन से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है, जो शरीर में चर्बी को गलाकर वजन कम करने में भी मदद करता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नवीन चंद्र जोशी कहते हैं, शहद और काली मिर्च का सेवन वर्षों से इन समस्याओं के घरेलू उपचार के रूप में किया जाता रहा है। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस में भी लाभ मिलता है और रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। शहद और काली मिर्च का सेवन करने से जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों के खिंचाव और गठिया जैसी समस्याओं में भी आराम पाया जा सकता है। हालांकि अगर आपको किसी भी प्रकार एलर्जी है तो इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

इन घरेलू उपायों से अगर लक्षणों में आराम न मिले तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।