नई दिल्ली : हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है। इस साल 6 दिसंबर 2024 को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन किए गए विशेष उपाय शीघ्र विवाह के योग बनाते हैं और विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने में सहायक होते हैं।
विवाह पंचमी का पर्व वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है। इस साल 6 दिसंबर 2024 को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन उनकी पूजा अर्चना करने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। इतना ही नहीं वैवाहिक जीवन भी सुखमय होता है। इस दिन विवाहित जोड़े पूजा-अर्चना करके अपने वैवाहिक जीवन को प्रेमपूर्ण और मधुर बनाने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। साथ ही इस दिन किए गए विशेष उपाय शीघ्र विवाह के योग बनाते हैं और विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने में सहायक होते हैं।
विशेष उपाय और पूजा विधि
विवाह पंचमी पर माता जानकी को सुहाग सामग्री अर्पित करना और ब्राह्मण स्त्रियों को दान देना शुभ माना जाता है। इससे शादी में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, और वर-वधु के लिए अच्छे रिश्ते प्राप्त होने की संभावना बढ़ती है।
इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का पूजन करते समय श्रीराम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि इससे संतान संबंधी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
यदि रिश्ता तय होने के बाद टूट रहा हो, तो विवाह पंचमी पर विधि-विधान से राम-सीता विवाह का आयोजन करें। साथ ही, इस दिन व्रत रखकर किसी जरूरतमंद कन्या के विवाह में सहायता करने का संकल्प लेना भी शुभ माना गया है।
यदि प्रेम विवाह में बाधाएं आ रही हैं, तो विवाह पंचमी पर दंपत्ति को रामचरितमानस में वर्णित राम-सीता प्रसंग का पाठ करना चाहिए।
श्रीहरि विष्णु और देवी लक्ष्मी का गाय के दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करना भी अत्यंत फलदायी माना गया है। इससे विवाह में आने वाली समस्याएं समाप्त होती हैं। विवाह पंचमी पर इन शुभ कर्मों और पूजन विधियों से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और इच्छित फल प्राप्त किया जा सकता है।