नई दिल्ली : कृषि मंत्रालय की पीएम बीमा फसल योजना में लगातार किसान अपना आवेदन कर रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष खरीफ सीजन के लिए अब तक तकरीबन पौने नौ करोड़ किसानों के आवेदन फसल बीमा योजना के लिए पहुंच चुके हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी पीएम फसल बीमा योजना की तुलना में यह संख्या ज्यादा है।
देश में करोड़ों बटाईदार किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना में ऐसी सहूलियत सुनिश्चित की है जिससे अब उनकी मेहनत और रकम को कोई नुकसान नहीं होगा। केंद्र सरकार बटाईदार किसानों को भी बीमा कवरेज देगी। यही नहीं फसल बीमा योजना के तहत क्लेम करने पर पेमेंट में हो रही देरी पर 12 फीसदी से अधिक रकम भी दी जाएगी। केंद्र सरकार की पीएम फसल बीमा योजना के तहत इस बार 9 करोड़ से ज्यादा किसानों ने आवेदन किया है। अब तक इस योजना के तहत देश के अलग-अलग राज्यों के किसानों को पौने दो लाख करोड़ रुपए का बीमा क्लेम भी मिल चुका है। कृषि मंत्रालय की ओर से इसी खरीफ फसल की सीजन से लेट लतीफे पर बीमा क्लेम पर जुर्माने की व्यवस्था की है।
कृषि मंत्रालय की पीएम बीमा फसल योजना में लगातार किसान अपना आवेदन कर रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष खरीफ सीजन के लिए अब तक तकरीबन पौने नौ करोड़ किसानों के आवेदन फसल बीमा योजना के लिए पहुंच चुके हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी पीएम फसल बीमा योजना की तुलना में यह संख्या ज्यादा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक लगातार बढ़ रही इस संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों के लिए और भी कई बेहतर सुविधाएं इस योजना के तहत शुरू की हैं। इसी कड़ी में सिर्फ किसानों ही नहीं बल्कि बटाईदार किसानों के लिए भी फसल बीमा योजना के तहत समायोजित किया गया है। यानी बटाईदार किसानों को भी फसल के नुकसान पर बीमा का क्लेम मिल सकेगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जो राज्य सरकार है किसानों को ऐसे सर्टिफाइड करती है वहां पर इसका लाभ मिल रहा था। लेकिन अब बड़े स्तर पर इसको पूरे देश में शुरू किया गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 2016 से शुरू हुई पीएम फसल बीमा योजना के तहत अब तक 70 करोड़ से ज्यादा किसान अपनी फसलों को सुरक्षित करने के लिए आवेदन कर चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन 20 करोड़ से अधिक किसानों को उनकी फसल के नुकसान पर मुआवजा भी दिया गया है। इतने वर्षों में फसल नुकसान होने पर बीमा क्लेम के तौर पर तकरीबन पौने दो लाख करोड़ से अधिक की धनराशि किसानों को दी जा चुकी है। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि किसानो की फसल उनकी मेहनत और लगी हुई लागत के साथ पूरा मुआवजा किसानों को मिले, इसके लिए केंद्र सरकार सभी प्रयास कर रही है। जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय में अपर निदेशक सीपी त्रिखा कहते हैं कि किसानों को फसल बीमा के तहत बीमा की गई रकम का 4.1 फ़ीसदी प्रीमियम देना होता है। क्योंकि प्रधानमंत्री बीमा फसल योजना केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण और बड़ी योजना है। इसलिए केंद्र सरकार इसमें दो फीसदी का प्रीमियम किसान देता है, जबकि 2.1 फ़ीसदी का प्रीमियम सरकार खुद किसान की बीमा की गई फसल के लिए देती है। उनका कहना है कि क्योंकि रवि और खरीफ सीजन की फसलों के लिहाज से प्रीमियम की राशि तय होती है। इसलिए इसमें कुछ फिर बदल तो हो सकता है लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना से किसानों को बड़ा लाभ मिल रहा है। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक पिछले वर्षों की तुलना में इस बार ज्यादा किसानों ने फसल बीमा योजना के लिए आवेदन किया है।