मध्यप्रदेश : देश भर में नवरात्रि का पर्व भक्ति भाव और धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहरों में गरबा के बड़े-बड़े पंडाल लगे हुए हैं, जहां सैकड़ों महिलाएं-पुरुष और युवक-युवतियां गरबा खेल रही हैं। जहां, डांडिया स्टिक की खटखट खूब सुनाई दे रही है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं है। प्रदेश के कई शहरों में डांडिया स्टिक की खटखट कम नेताओं के बयान ज्यादा सुनाई दे रहे हैं। गरबा के आयोजन निरस्त कर दिए गए हैं, गोमूत्र, तिलक, लव जिहाद और बुर्का जैसे शब्द नेताओं के मुख से निकल रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो गरबा पर जमकर हंगामा बरपा है। इंदौर, भोपाल, रतलाम, समेत अन्य शहरों में गरबा पर हंगामा क्यों है? आइए जानते हैं ऐसे मामले और पढ़ते हैं नेताओं के बयान…।
लव जिहाद का आरोप, गरबा रास का आयोजन निरस्त
मप्र के इंदौर में गरबा आयोजनों पर ज्यादा रार दिख रही है। शहर के भंवरकुआं इलाके के भावना नगर में शिखर गरबा मंडल नाम की समिति द्वारा पिछले 35 साल से की जा रही नौ दिवसीय मूर्ति स्थापना और गरबा रास का आयोजन इस बार नहीं हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका आयोजन मुस्लिम था और उसका नाम फिरोज खान था। इस आयोजन पर लव जिहाद बढ़ाने का आरोप लगाते हुए बजरंग दल ने पुलिस से शिकायत की थी। जिसके बाद पुलिस ने आयोजन स्थल से बैनर, पोस्टर और टेंट हटवा दिए। शिकायतकर्ता राम दांगी ने कहा कि जिन लोगों को मूर्ति पूजा पर विश्वास ही नहीं है, वे नवरात्र में मूर्ति स्थापना और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कैसे कर सकते हैं।
बुर्के में नजर आईं मां तो हुआ हंगामा
दूसरा मामला भी इंदौर से जुड़ा हुआ है। शहर के खजराना इलाके में माता की मूर्ति को बुर्के जैसी ड्रेस पहनाने की सूचना पर हिंदू संगठनों ने हंगामा कर दिया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, इस दौर हिंदू संगठनों के लोग ऐसी मूर्ति बनाने वाले कारीगर और स्थापित करने वाले आयोजकों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस ने मामले की जांच के लिए बंगाली कारीगर को हिरासत में लिया और थाने लाकर पूछताछ की। हालांकि, बाद में पुलिस ने माता की मूर्ति को बुर्का पहनाने की बात से इनकार कर दिया।
गरबा पंडाल में गैर-हिंदुओं पर रोक, काजी की अपील
प्रदेश के रतलाम जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिस पर लिखा था- गैर हिंदुओं का गरबा प्रांगण में प्रवेश वर्जित है। इस साफ संदेश था कि हिंदू धर्म के अलावा किसी और धर्म का व्यक्ति गरबा रास के कार्यक्रम में शामिल न हो। इसके बाद शहर काजी अहमद अली ने भी अपने समाज के लोगों से अपील करते हुए मेला और गरबा देखने नहीं जाने की अपील की है। काजी अहमद अली की ओर से जारी किए गए पत्र में लिखा है- ‘बाजार और मेलों में घूमना दीन-ए-इस्लाम के खिलाफ है। समाज के लोग ऐसा न करें, इसका सख्ती से पालन करें’।
तिलक लगाकर गरबा में आएं
प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव के संरक्षण में उज्जैन में न्यू नवरंग डांडिया का आयोजन किया जा रहा है। बीते दिन शुक्रवार को गरबा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। लेकिन, इस दौरान लोगों के कानों एक आवाज गूंजरी रही- गैर हिंदू गरबा कार्यक्रम में शामिल न हो, आयोजन स्थल से से बाहर जाएं। भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि मुकेश यादव ने कहा कि सभी हिंदु तिलक लगाकर गरबा में आएं, अपना आधार और आइडी कार्ड भी साथ में लेकर आएं। गैर हिंदू गरबा कार्यक्रम में नहीं आएं, अगर कोई मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपनी बात का दोहराते हुए कहा कि कोई गैर हिंदू गरबा पंडाल में मिला तो वो खुद जिम्मेदार होगा।
भाजपा नेता बोले- सभी को गोमूत्र पिलाएं
हाल ही में इंदौर भाजपा जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने भी गरबा आयोजकों को एक सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि गरबा पंडाल में आने वाले सभी लोगों को गोमूत्र पिलाकर ही एंट्री दी जाए। सभी लोगों को तिलक भी लगाया जाए। जो गैर हिंदू होगा वह न तो गोमूत्र पिएगा और न ही तिलक लगाएगा।
पंचगव्य पिलाकर ही प्रवेश दें
भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी का भी ऐसा ही एक बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने गरबा आयोजक से कहा कि गरबा पंडाल के सामने वराह अवतार की तस्वीर लगाकर पूजन करवाए। पंचगव्य पिलाकर और उसका छिड़काव कर ही लोगों को पंडाल में प्रवेश दें, जिससे अन्य सम्प्रदाय के लोग प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
अब जानिए इतना हंगामा क्यों?
दअरसल, हर साल प्रदेश में नवरात्र के दौरान ऐसे मामले सामने आते हैं जब गैर हिंदू गरबा रास में अपनी पहचान छिपाकर शामिल हो जाते हैं। कई बार आयोजक ऐसे लोगों को पकड़ लेते हैं, जिससे विवाद और सांप्रदायिक तनाव जैसे हालात बन जाते हैं। हिंदू संगठन इसे लव जिहाद से जोड़कर देखते हैं। इन्हीं सब कारणों के कारण ऐसा हो रहा है।