बॉर्डर पार कर पूरे देश में पहुंच रहा चीन का सेब, आम-कीवी की भी सरहद से घुसपैठ; चीनी फलों की पहचान आसान

Spread the love

चीन : चीन के लहसुन के बाद सेब भारत में आ रहा है। बॉर्डर पार कर पूरे देश में चीन का सेब पहुंच रहा है। आम और कीवी की भी सरहद से घुसपैठ हो रही है। स्वास्थ्य के लिए घातक इन चीनी फलों को पहचानना आसान है।

देवीपाटन मंडल यूं तो शांत है। सामान्य है। लेकिन यहां के बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की नेपाल से लगी सीमा पर सब ठीक नहीं है। यहां तस्करी के तार गहरे जुड़े हैं। सुरक्षा में यूं तो एसएसबी तैनात है। जवान नियमित गश्त भी कर रहे हैं।

व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए बॉर्डर आउट पोस्ट का भी निर्माण कराया गया है। लेकिन खुली सीमा की चुनौती के बीच तस्करी की समस्या गंभीर होती जा रही है। जहरीले लहसुन के शोर के बीच चीन से चलकर नेपाल के रास्ते सेब, आम व कीवी भी मंडियों में पहुंच गया है।

देखने में आकर्षक और रसीले चीन के सेब सेहत के लिए खतरनाक हैं। चिकित्सकों के अनुसार चीन के सेब नर्वस सिस्टम के लिए खतरनाक हैं। इनका सेवन कैंसर का मरीज बना सकता है, ठीक लहसुन की तरह। अहम सवाल कि इनकी पहचान कैसे करें। यह बड़ा सहज है। चीन के सेब औसत आकार में बड़े और गोल होते हैं।

इनमें सामान्य सेब की तरह चमक अधिक होती है। रंग गुलाबी और पीला होता है। खाकर भी इनकी पहचान की जा सकती है। बहराइच जिले के रुपईडीहा बॉर्डर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर तैनात वनस्पति संरक्षण अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार बताते हैं कि खाने पर इनका स्वाद शक्कर के जैसा नरम और भुरभुरा होता है। सेहत से जुड़ी गंभीर समस्या के कारण चीन के सेब की बिक्री भारत में प्रतिबंधित है।

सरहद पार करते ही कीमत दोगुनी
चीन के सेब की नेपाल में कीमत देखें तो 40 से 50 रुपये प्रति किलो है। लेकिन सरहद पार करते ही कीमत बढ़कर 100 से 120 रुपये प्रति किलो तक हो जाती है। तस्करों का मुनाफा दोगुना है। यह खेल उन जगहों पर हो रहा है जहां सीमा से सटे दोनों तरफ घनी आबादी है।


तस्कर ऐसे लगा रहे सेंध
नेपाल सीमा पर तस्करों का मजबूत नेटवर्क है। एसएसबी इंटेलिजेंस से भी कहीं पुख्ता। तस्कर अपने साथियों को नेपाली सिम वाले मोबाइल फोन उपलब्ध कराकर सीमा के आसपास सक्रिय करते हैं। ऐसे में जब एसएसबी का गश्ती दल गुजरता है तो दूसरे दल के बीच में करीब 30 से 40 मिनट कभी-कभी एक घंटे का अंतर होता है। इसी अंतराल में माल उधर से इधर हो जाता है। यह खेल पूरी रात या कभी-कभी जंगली क्षेत्रों में दिन में भी चलता है।

बाहर से सामान्य, घर के भीतर पूरा स्टॉक
बलरामपुर, श्रावस्ती व बहराइच के सीमा से सटे अधिकतर गांवों में घर बाहर से सामान्य दिखते हैं। लेकिन भीतर उन्हें गोदाम का रूप दे दिया गया है। भारत या फिर नेपाल क्षेत्र से इन्हीं घरों में बड़ी मात्रा में सामग्री स्टोर कर धीरे-धीरे बॉर्डर के पार पहुंचा दी जा रही है।

भारत से नेपाल में होने वाली तस्करी
सामग्री भारत में कीमत नेपाल में
चीनी 41-45 75-80 प्रति किलो
डीएपी 1350 2400 प्रति बोरी
यूरिया 270 800 प्रति बोरी
बासमती चावल 115 300 प्रति किलो
पैंगोलीन 30,000 1 से 1.5 लाख प्रति नग

नेपाल से भारत में होने वाली तस्करी

सामग्री नेपाल में कीमत भारत में
चीनी लहसुन 40-50 250-300 प्रति किलो
चीनी सेब 50-55 100-120 प्रति किलो
चीनी कीवी 10-12 30-40 प्रति नग
आम 50 300-400 प्रति किलो
जटामसी 150 350 प्रति किलो