नई दिल्ली : कोरोना महामारी की शुरुआत से वायरस के प्रसार को लेकर चीन दुनियाभर की नजरों में बना हुआ है। कई मीडिया रिपोर्ट्स दावा करते रहे हैं कि सार्स-सीओवी 2 (नोवेल कोरोनावायरस) चीन से ही फैला था। अब एक बार फिर चीन से डराने वाली जानकारी सामने आ रही है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में चीन के फर फार्मों में सैकड़ों ऐसे वायरस की पहचान की गई है जो इंसानों के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने फर फार्मों से जानवरों में करीब 125 प्रकार के वायरस की पहचान की है, जिनमें 36 वायरस बिल्कुल नए हैं और इससे वैज्ञानिक भी अनजान हैं। 39 प्रकार के वायरस को जानवरों के साथ और मनुष्यों को संक्रमित करने और गंभीर रोगों के लिए उच्च जोखिम वाला पाया गया है।
चीनी शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन के आधार पर वायरोलॉजिस्ट एडवर्ड होम्स ने वायरस की निगरानी बढ़ाने की तत्काल आवश्यकताओं पर जोर दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इन वायरस का प्रसार होता है तो ये वैश्विक स्तर पर बड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। कोरोनावारस के बाद अब एक बार फिर से चीन दुनियाभर के निशाने पर आ गया है।
कई नए प्रकार के वायरस का पता चला
नेचर जर्नल में प्रकाशित इस शोध में 2021 से 2024 तक करीब 461 जानवरों की जांच की गई, जिनमें पालतू और जंगली जानवर भी शामिल थे। वैज्ञानिकों ने बताया कि फार्मों में पता लगाए गए वायरस में हेपेटाइटिस ई, जापानी इंसेफेलाइटिस और 13 नए प्रकार के वायरस शामिल हैं।
वायरोलॉजिस्ट एडवर्ड होम्स ने खतरनाक वायरस के प्रसार में फर फार्मों की भूमिका पर चिंता व्यक्त करते हुए इस उद्योग को तुरंत बंद करने की सलाह दी है। होम्स ने कहा, भविष्य में प्रकोप को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
खतरनाक वायरस का हो रहा है प्रसार
अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार जिन वायरस की पहचान की गई है उनमें पिपिस्ट्रेलस बैट एचकेयू5-लाइक वायरस जो पहले चमगादड़ों में पाया जाता था, अब मिंक में भी पाया गया है। यह मिडिल ईस्ट रेस्पोरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस से मिलता जुलता है, जो मनुष्यों के लिए घातक साबित हो सकता है। होम्स ने चेतावनी दी कि चमगादड़ों से मिंक में इसका संक्रमण एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। अगर समय रहते प्रभावी उपाय न किए गए तो हमें कोरोना से भी खतरनाक संक्रमण की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि फर फार्म जानवरों और मनुष्यों के बीच वायरस के संचरण का सुविधाजनक माध्यम बना सकते हैं। शोधकर्ताओं ने गिनी पिग, मिंक और मस्कट जैसे जानवरों में बर्ड फ्लू वायरस के साथ-साथ सात प्रकार के कोरोनावायरस का पता लगाया, हालांकि उनमें से कोई भी सार्स-सीओवी 2 से संबंधित नहीं था। वैज्ञानिक रैकून प्रजाति के कुत्तों और मिंक को सबसे संभावित खतरनाक वायरस के संचरण का माध्यम मान रहे हैं।
अगले वैश्विक प्रकोप का हो सकता है जोखिम
गौरतलब है कि डेनमार्क ने 2020 में कोविड-19 की चिंताओं के कारण पूरी मिंक आबादी को खत्म कर दिया था, लेकिन बाद में मिंक फार्मिंग फिर से शुरू कर दी गई। होम्स और अन्य विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि फर फार्म अगले वैश्विक प्रकोप को जन्म दे सकते हैं। वैश्विक स्तर पर इस चेतावनी को गंभीरता से लेने और फर फार्मिंग से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के लिए नीतियों को लागू करना जरूरी है वरना दुनियाभर को भविष्य में कई तरह की महामारियों का सामना करना पड़ सकता है।