नई दिल्ली : डॉक्टर भी कहते हैं कि भले ही आप स्वस्थ है पर हर छह महीने में बॉडी चेकअप जरूर कराएं। इसकी मदद से शरीर में पनप रही बीमारियों का समय पर पता लगाया जा सकता है आप अपनी जीभ देखकर भी जान सकते हैं कि शरीर में कोई बीमारी तो नहीं बढ़ रही है? कैसे, आइए जानते हैं।
बीमारियों से बचे रहना चाहते हैं तो आहार और व्यायाम का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जिस तरह से कम उम्र के लोग भी कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं, ऐसे में सभी लोगों को अपनी सेहत को लेकर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
डॉक्टर भी कहते हैं कि भले ही आप स्वस्थ है पर हर छह महीने में बॉडी चेकअप जरूर कराएं। इसके अलावा नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच करते रहना भी जरूरी है। इसकी मदद से शरीर में पनप रही कई बीमारियों का समय पर पता लगाया जा सकता है।
वैसे तो बीमारियों की स्थिति में हमारा शरीर स्वयं कुछ संकेत देता है जिसपर अगर ध्यान दिया जाए तो किसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। आप अपनी जीभ देखकर भी जान सकते हैं कि शरीर में कोई बीमारी तो नहीं बढ़ रही है? कैसे, आइए जानते हैं।
जीभ के रंग में बदलाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कई प्रकार की अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण आपकी जीभ पर भी नजर आ सकते हैं। अगर आपकी जीभ के रंग में कुछ भी अप्रत्याशित बदलाव नजर आ रहा है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। ये संक्रामक रोग, विटामिन्स की कमी, डायबिटीज, शरीर में ऑक्सीजन की कमी सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों का भी संकेत हो सकता है।
इसलिए जरूरी है कि नियमित रूप से न सिर्फ जीभ की अच्छे से साफ-सफाई करें, साथ ही जीभ के रंग में नजर आने वाले किसी भी परिवर्तन पर गंभीरता से ध्यान दें।
जीभ का रंग काला होना
जीभ के रंग में बदलाव के बारे में जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि सामान्य जीभ कैसी होती है? इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, आमतौर पर जीभ का रंग गुलाबी होना या उस पर एक पतली सफेद पट्टी होने को सामान्य माना जाता है। गुलाबी रंग हल्का या गहरा हो सकता है। हालांकि अगर इस रंग में कुछ असामान्य सा बदलाव नजर आए जैसे जीभ लाल, नीली, काली या नारंगी रंग की हो जाए तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। ये खतरनाक संकेत हो सकता है।
यदि आपकी जीभ काली नजर आती है तो ये संकेत है कि आपकी जीभ पर केराटिन जमा होने लगा है। केराटिन त्वचा, बाल और नाखूनों में पाया जाने वाला प्रोटीन है। मौखिक स्वच्छता में कमी, एंटीबायोटिक्स या तम्बाकू के सेवन के कारण ये समस्या होती है।
जीभ का रंग नीला होना
कुछ स्थितियों में आपकी जीभ का रंग नीला पड़ सकता है। अगर आप भी इस तरह की दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो आमतौर पर इसे रक्त में ऑक्सीजन की कमी या एक्जिमा के कारण होने वाली समस्या माना जाता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की कमी, कुछ प्रकार के रक्त विकार, रक्त वाहिकाओं की बीमारी, किडनी की बीमारी होने पर भी जीभ के रंग में इस तरह का बदलाव नजर आ सकता है। कुछ लोगों को एक्जिमा की समस्या के कारण भी जीभ के रंग में ऐसा बदलाव दिख सकता है।
जीभ का पीला होना
जीभ का पीला होना आमतौर पर बैक्टीरिया के बढ़ने के कारण होता है। मौखिक स्वच्छता में कमी या मुंह के शुष्क होने दोनों ही स्थितियों में जीभ पर बैक्टीरिया के बढ़ने का खतरा रहता है। कुछ लोगों में जीभ की सतह पर नालियां जैसे गड्ढे होते हैं, जिसमें बैक्टीरिया के फंसने का जोखिम रहता है। इसके कारण भी संक्रमण और जीभ पीली हो सकती है।
पीलिया और मधुमेह के शिकार लोगों में भी जीभ पर इस तरह के परिवर्तन नजर आ सकते हैं, जिसपर गंभीरता से ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।
