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बांस दिखाएगा रास्ता, खतरे से भी निपटने में करेगा मदद, जानें कैसे विकसित की गई बैंबू माडर्न स्टिक

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नई दिल्ली : बांस रेशा विकास परिषद की मदद से समूह ने बैंबू माडर्न स्टिक विकसित की है। इमरजेंसी और कैंप लाइट से लेकर टार्च और मोबाइल डिस्प्ले की भी सुविधा भी दी गई है।

बांस रास्ता दिखाएगा और खतरे से निपटने में मदद करेगा, यह बात चौंकने की हो सकती है, लेकिन ऐसा संभव हुआ है। बांस रेशा विकास परिषद के सहयोग से अल्मोड़ा के दुनाड़ के एक स्वयं सहायता समूह ने माडर्न बैंबू स्टिक को तैयार किया है। इस स्टिक में फ्लैश लाइट, कैंप लाइट से लेकर टार्च का भी काम करेगी।

इसके अलावा चलते-चलते मोबाइल पर बात करने के लिए डिस्प्ले की सुविधा भी है। इस स्टिक से आपात स्थिति में लाठी की तरह प्रहार कर बचाव भी कर सकते हैं। बांस एवं रेशा विकास परिषद के सहयोग से दुनाड़ में बांस हस्तशिल्प विकास समिति ने करीब दो साल पहले माडर्न बैंबू स्टिक विकसित करने पर काम शुरू किया।

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इसके लिए परिषद ने कामन फैस्लिटी सेंटर तैयार किया और टूल्स, मशीनरी को उपलब्ध कराया। इस समिति ने दुनाड़ में होने वाले बांस और लकड़ी से और स्थानीय लोगों को रोजगार देते हुए माडर्न बैंबू स्टिक को विकसित किया। अब इस स्टिक को मांग पर उड़ीसा वन विभाग को दिया जा रहा है।

इसके अलावा बांस रेशा विकास परिषद ने उत्तराखंड वन विभाग, आईटीबीपी आदि को पत्र लिखकर बहुउपयोगी स्टिक की जानकारी देते हुए क्रय करने का अनुरोध किया है।

कई सुविधाओं से लैस

परिषद के सीईओ मनोज चंद्रन कहते हैं कि बांस माडर्न स्टिक मूल्य और सुविधाओं के विकल्प के साथ कई अलग-अलग श्रेणी में तैयार की गई है। माडर्न बैंबू स्टिक में फ्लैश लाइट, कैंप लाइट, टार्च, मोबाइल चार्जर, ब्लूटुथ से मोबाइल को जोड़ने और डिस्प्ले और चलते-चलते मोबाइल से बातचीत की सुविधा दी गई है। यह स्टिक वन कर्मियों, आपदा प्रबंधन, अग्निशमन कर्मियों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। इसमें कई घंटे रोशनी देने की व्यवस्था है, ऐसे में अंधेरे में यह रास्ता दिखाने और खतरा होने पर मददगार होगी।

सोलर लाइट से कर सकते इसे चार्ज भी

बांस हस्तशिल्प विकास समिति के सचिव रवि टम्टा कहते हैं कि इसे सोलर लाइट के माध्यम से चार्ज भी किया जा सकता है। इसके अलावा सामान्य तौर पर चार्ज करने की सुविधा है। समिति ने स्थानीय उत्पादों संग तैयार करने का काम कर रही है। 25 स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है। उनको घर से भी काम करने का विकल्प है। बताया, इसे उड़ीसा के वन विभाग को उपलब्ध कराया जा रहा है। अन्य जगहों पर संपर्क करने के साथ ई-कामर्स कंपनी के लिए उपलब्ध कराया गया है।