उम्र के हिसाब से कौन-कौन सी बीमारी का होता है खतरा, डॉक्टर ने बताई फुल बॉडी चेकअप की अहमियतAge Related Diseases: बीमारी एक है जो बिना बताए आ जाती है, इसलिए हमें डॉक्टर के पास जाकर फुल बॉडी और जरूरी चेकअप कराना चाहिए ताकि वक्त रहते खतरे का पता चल जाए.उम्र के हिसाब से कौन-कौन सी बीमारी का होता है खतरा, डॉक्टर ने बताई फुल बॉडी चेकअप की अहमियत
वैसे तो बीमारी किसी को कभी भी हो सकती है, लेकिन कई बार उम्र के हिसाब से डिजीज का रिस्क बना रहता है, राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रांची (Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi) के न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. विकास कुमार (Dr. Vikas Kumar) ने अपने एक्स अकाउंट पर बताया कि हमें हमेशा फुल बॉडी चेकअप जरूर कराना चाहिए ताकि उम्र के हर पड़ाव में बीमारियों का पता लगाया जा सके और सही वक्त पर इलाज मुमकिन हो पाए.कब कौन सी बीमारियों के लिए टेस्ट जरूरी?
पहला पड़ाव (20-30 साल)इस उम्र में ब्लड प्रेशर, हाइट और वजन की जांच, एचपीवी टेस्ट (ह्यूमन पापिलोमा वायरस) टेस्ट जरूरी है. कुछ विशेष प्रकार के एचपीवी महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं. इसकी शुरुआत 20 की उम्र में हो जाती है.
दूसरा पड़ाव (31-40 साल)इज एज ग्रुप के लोगों को बीपी, डायबिटीज, थायराइड, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज से जुड़े टेस्ट कराने चाहिए क्योंकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार 22% की मौत हार्ट अटैक से होती हैं.
इसके लिए ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसे कारक जिम्मेदार हैं.
तीसरा पड़ाव (41-50 साल)दिल की बीमारियों से जुडी जांच, प्रोस्टेट कैंसर, स्किन कैंसर, आंखों और दांतों की जांच करानी चाहिए क्योंकि पुरुषों में 40 साल की उम्र के बाद प्रोस्टेट ग्लैंड में वृद्धि शुरू हो जाती है. इसे प्रोस्टेटिक हाइपर प्लेसिया कहते हैं
.चौथा पड़ाव (51-65 साल)स्टूल टेस्ट, मेमोग्राम, ऑस्टियोपोरोसिस, डिप्रेशन की जांच जरूर कराएं क्योंकि कोलन कैंसर (आंत के कैंसर) के 90% मामले 50 की उम्र के बाद मिलते हैं. हड्डियों का क्षरण भी शुरू हो जाता है. मेमोग्राम से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है.
पांचवां पड़ाव (65+ उम्र)उम्र के इस पड़ाव में आखों, कानों और शारीरिक असंतुलन की जांच क्योंकि इस उम्र के बाद इम्यूनिटी तेजी से घटती है. देखने और सुनने की क्षमता कम हो जाती है. शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है. इसलिए डॉक्टर की सलाह पर फुल बॉडी चेकअप जरूर कराएं.