भोपालः संविदा कर्मचारियों के लिए सरकारों की ओर से कई वादे और दावे किए जाते हैं, लेकिन इसे जमीनी स्तर पर उतरते-उतरते कई साल लग जाते हैं। संविदा कर्मचारी लंबे समय से अपने पक्की नौकरी की आस में बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। अपनी मांगों को लेकर संविदा कर्मचारी कई बार सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। हालांकि कई राज्यों की सरकारों ने कुछ ऐसे नियम बनाए हैं जिसके तहत कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाना सरल हो रहा है। इस बीच अब मध्य प्रदेश के नियमितीकरण कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है। कहा जा रहा है कि आचार संहिता के बाद सरकार संविदा कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला ले सकती है और उन्हें नियमिक किया जा सकता है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि राज्य सरकार वर्तमान समय में चुनाव पर फोकस किया है और आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे में सरकार कोई बड़ा फैसला नहीं ले रही है। 4 जून के बाद कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा प्रदेश सरकार सभी संविदा कर्मचारियों को NPS का लाभ देने जा रही है। वित्त विभाग की ओर से इसकी पूरी तैयारी कर ली है और आचार संहिता खत्म होने के साथ ही आदेश भी जारी किया जा सकता है।
बता दें कि फिलहाल संविदा कर्मचारियों को एकमुश्त वेतन का भुगतान किया जाता है, उन्हें किसी प्रकार के भत्ते नहीं दिए जाते। साथ ही संविदा कर्मचारियों की सैलरी में से किसी प्रकार की कटौती भी नहीं की जाती है। लेकिन अब सरकार ने संविदा कर्मचारियों को एनपीएस के दायरे में लाने का फैसला कर लिया है, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों को मिलेगा। अब संविदा कर्मचारियों को सरकारी आदेश का इंतजार है।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिया था आश्वासन
बता दें कि राज्य की बीजेपी सरकार ने इसे लागू करने की बात कही थी। इससे पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी संविदा कर्मचारियों को इसका लाभ देने का आश्वासन दिया था। अब वित्त विभाग ने तैयारी कर ली है। आचार संहिता समाप्त होते ही सभी संविदा कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना के दायरे में लाने के आदेश जारी किए जा सकते हैं।