स्तन कैंसर के बाद अब हिना खान को हो गया म्यूकोसाइटिस, जानिए इस रोग के बारे में सबकुछ

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नई दिल्ली : बिग बॉस फेम और कई वेब सीरीज में काम करने वाली अभिनेत्री हिना खान कुछ महीनों से स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। जून के आखिर में सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने इस समस्या के बारे में लोगों को बताया था। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। हालांकि हिना की दिक्कतें अभी कम नहीं हुई हैं। गुरुवार शाम इंस्टाग्राम पर हिना ने एक पोस्ट साझा कर बताया कि उन्हें अब म्यूकोसाइटिस नामक बीमारी हो गई है।

अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, कैंसर के लिए कीमोथेरेपी ले रही हूं, इसके साइड इफेक्ट में म्यूकोसाइटिस हो गया है। इसके इलाज के लिए मैं डॉक्टर की सलाह का पालन कर रही हूं। अगर आप में से कोई इससे गुजरा है या कोई उपयोगी उपाय जानता है तो कृपया सुझाव दें। जब आप कुछ खा नहीं पाते हैं तो यह वाकई मुश्किल होता है। आपकी सलाह से मुझे बहुत मदद मिलेगी।

आइए जानते हैं कि आखिर म्यूकोसाइटिस क्या बीमारी है और इसमें किन उपायों से मदद मिल सकती है।

क्या है म्यूकोसाइटिस की समस्या?

म्यूकोसाइटिस, आपके मुंह और पूरे गैस्ट्रोइंटस्टाइल मार्ग को लाइन करने वाली श्लेष्म झिल्ली में सूजन आ जाने की समस्या है। आमतौर पर रेडिएशन या कीमोथेरेपी जैसे कैंसर का उपचार ले रहे लोगों में म्यूकोसाइटिस का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। डॉक्टर बताते हैं कि कीमोथेरेपी लेने वाले 35-40% लोगों में म्यूकोसाइटिस विकसित हो सकता है। इस स्थिति में कुछ भी खाना-पीना कठिन हो जाता है।

म्यूकोसाइटिस आमतौर पर स्वत: या फिर कुछ सहायक उपचार से ठीक हो जाता है।

ऐसे लोगों को भी हो सकता है खतरा

कैंसर के उपचार के अलावा कई अन्य कारक भी म्यूकोसाइटिस के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जैसे किडनी या मधुमेह जैसी क्रोनिक बीमारी, ओरल हाइजीन की समस्या, तम्बाकू चबाना-धूम्रपान करना या शराब पीना। वैसे तो म्यूकोसाइटिस को ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता है पर कुछ स्थितियों में ये बैक्टीरिया, वायरल या फंगल संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

क्या हैं म्यूकोसाइटिस के लक्षण?

म्यूकोसाइटिस कई तरह के लक्षण पैदा कर सकता है, मुंह में इसका सबसे ज्यादा असर होता है।

मुंह का अक्सर सूखा रहना, मसूड़े में सूजन और लालिमा।
जीभ पर सफेद धब्बे और मुंह में घाव होना।
खाने के दौरान दर्द या जलन होना।
निगलने या बात करने में परेशानी।
दस्त-कब्ज और मलाशय के आसपास अल्सर
पेट में ऐंठन और सूजन की दिक्कत।

म्यूकोसाइटिस हो जाए तो क्या करें?

म्यूकोसाइटिस के कारण होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए उपचार जरूरी हो जाता है। इसके लिए कुछ दर्द निवाकर-एलर्जी की दवाएं दी जाती हैं। मुंह के सूखेपन को रोकने के लिए स्प्रे से भी लाभ मिलता है। कुछ लोगों को डॉक्टर एंटीसेप्टिक माउथवॉश का उपयोग करने की भी सलाह देते हैं।

कैंसर रोगियों के साथ अन्य लोगों को भी म्यूकोसाइटिस की रोकथाम के लिए मौखिक स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे म्यूकोसाइटिस और अन्य संक्रमण से बचा जा सकता है।

नियमित रूप से दांतों को ब्रश करना।
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का उपयोग करना।
अक्सर दांतों की जांच करवाना।
नियमित रूप से माउथवॉश का उपयोग करना या नमक के पानी के घोल से गरारे करना।