गुजरात : गांधीनगर में एक 70 वर्षीय व्यक्ति को जीका वायरस का संक्रमण हुआ है।जीका का संक्रमण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को इस संक्रामक रोग से बचाव करते रहने की अपील की है।
गुजरात इन दिनों मच्छरजनित रोग जीका की चपेट में हैं। गांधीनगर में जीका वायरस का एक नया मामला सामने आया है। अधिकारियों ने बताया कि एक 70 वर्षीय व्यक्ति को जीका वायरस का संक्रमण हुआ। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि ठीक हो जाने के बाद अब उसे छुट्टी दे दी गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रोगी को पहले सर्दी, बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद जांच में उसे जीका से संक्रमित पाया गया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को भेजे गए सैंपल में उसमें जीका के संक्रमण की पुष्टि की गई।
एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने उस क्षेत्र का दौरा किया जहां व्यक्ति रहता है और निगरानी व ट्रैकिंग के तहत लोगों का परीक्षण भी किया गया है। इससे पहले जुलाई में पुणे में भी जीका वायरस के कारण संक्रमण के मामले बढ़ते हुए देखे गए थे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को इस संक्रामक रोग से बचाव करते रहने की अपील की है। जीका का संक्रमण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है, इससे मौत का भी खतरा रहता है।
जीका का संक्रमण
जीका बुखार एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस नामक मच्छर के काटने से होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण काफी हल्के स्तर के होते हैं इसलिए पता ही नहीं चल पाता कि उन्हें संक्रमण हो गया है। हालांकि संक्रमण की कुछ स्थितियां गंभीर हो सकती हैं। इसका सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं में देखा जाता है। अगर कोई गर्भवती जीका वायरस से संक्रमित हो जाती है, तो ये वायरस भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जीका गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत खतरनाक है। अधिकांश वयस्कों और बच्चों में इसके लक्षण काफी हल्के स्तर के देखे जाते रहे हैं।
संक्रमण में कैसे होते हैं लक्षण?
जीका संक्रमण के लक्षण शुरुआत में फ्लू की तरह ही होते हैं। जीका से पीड़ित केवल पांच में से एक व्यक्ति में ही लक्षण दिखाई देते हैं। संक्रमण की स्थिति में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द के साथ पिंक आइज जैसी समस्या होने का खतरा रहता है। संक्रमण के बढ़ने की स्थिति में त्वचा पर लाल रंग के धब्बे या उभार हो सकते हैं।
क्या एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है ये संक्रमण?
मच्छरजनित अन्य रोग जैसे डेंगू और चिकनगुनिया के विपरीत जीका का संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में भी होने का खतरा देखा जाता रहा है। अध्ययनों से पता चलता है कि लक्षणों के शुरू होने के छह सप्ताह बाद भी अगर आप संक्रमित व्यक्ति के साथ संभोग करते हैं तो इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ संक्रमण वाले क्षेत्रों में सुरक्षित सेक्स के तरीके जैसे कंडोम के इस्तेमाल की अपील करते हैं।
कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि संक्रमित व्यक्ति के ब्लड ट्रांसफ्यूजन के माध्यम से भी इसका संक्रमण दूसरे लोगों को हो सकता है। हालांकि संक्रमण का सबसे प्रमुख कारण मच्छर काटना ही है।
जीका के कारण हो सकती है गंभीर बीमारी
जीका से पीड़ित कुछ लोगों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के मामले भी देखे गए हैं। ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो कमजोरी या लकवा जैसे लक्षणों का कारण बन सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जीका के लक्षणों की समय पर पहचान और डॉक्टरी मदद लेना जरूरी है। इससे बचाव के लिए प्रयास करना सबसे आवश्यक है। जिन जगहों पर जीका का संक्रमण फैल रहा है वहां जाने से बचना चाहिए। गंर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है।