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पुणे के बाद अब नागपुर में भी अलर्ट, आपको भी तो नहीं हो गई है ये बीमारी, कैसे जानें?

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नई दिल्ली : गिलियन-बैरे सिंड्रोम के मामले पुणे के बाद अब नागपुर में भी रिपोर्ट किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में अब तक 100 से अधिक लोगों में बीमारी के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें सें 16-18 लोग वेंटिलेटर पर हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को इस बीमारी के लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देने की सलाह दी है।

देश में जारी एच5एन1 संक्रमण के जोखिमों के बीच महाराष्ट्र के कई शहरों में इन दिनों गिलियन बैरे सिंड्रोम के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट किया गया है। गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, अपनी ही तंत्रिकाओं पर अटैक कर देती है। इसके कारण कमजोरी, हाथों-पैरों के सुन्न होने या लकवा मार जाने की दिक्कत हो सकती है।

पुणे शहर में इस रोग के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं, यहां एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुणे में 100 से अधिक लोगों में जीबीएस के मामले दर्ज किए गए हैं, विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे इन मरीजों में से करीब 16 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को इस बढ़ती बीमारी को लेकर सावधानी बरतते रहने और बचाव के उपाय करने की सलाह दी है।

हालिया जानकारियों के मुताबिक पुणे के बाद अब नागपुर में भी गिलियन-बैरे सिंड्रोम के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। नागपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. अविनाश गावंडे ने मीडिया को बताया कि प्रशासन ने बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। मेडिकल सेंटर में अब तक चार मरीज भर्ती हुए हैं, जिनकी उम्र 8 से 40 साल के बीच की है।

गंभीर रोगों का कारण बन रही है ये बीमारी

खबरों के मुताबिक ये बीमारी कई लोगों में गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का भी कारण बन रही है। पुणे में करीब 16 लोगों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है, वहीं नागपुर में एक 8 साल के मरीज को गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती कराया गया था जो अब वेंटिलेटर पर रखा गया है, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। एक 40 साल की मरीज भी आईसीयू में वेंटिलेटर पर है।

इस रोग के कारण अब तक एक मौत की खबर है। सोलापुर सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि सांस फूलने, निचले अंगों में कमजोरी और डायरिया जैसी समस्याओं से पीड़ित एक मरीज को 18 जनवरी को सोलापुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था हालांकि रविवार को उसकी मौत हो गई।

आप भी तो नहीं हो गए हैं इस बीमारी के शिकार?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं गिलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। समय रहते लक्षणों पर ध्यान देकर अगर इलाज प्राप्त कर लिया जाए तो रोग को गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले ठीक किया जा सकता है। समय पर इलाज प्राप्त करने वाले ज्यादातर मरीज ठीक हो जाते हैं। आपको ये बीमारी तो नहीं हो गई है, इस बारे में जानने के लिए अपने लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान दें।

अगर आपको हाथ और पैर की उंगलियों, टखनों या कलाई में सुई चुभने जैसा एहसास हो रहा है, सांस की दिक्कत हो या किसी अंग में असामान्य रूप से कमजोरी महसूस हो रही हो तो इसे बिल्कुल अनदेखा न करें।

कैसे करें बीमारी की पहचान?

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि गिलियन बैरे सिंड्रोम आपके पेरीफेरल नर्वस को अटैक करती है। ये तंत्रिकाएं मांसपेशियों की गति, शरीर में दर्द के संकेत, तापमान और शरीर को छूने पर होने वाली संवेदनाओं का एहसास कराती हैं। इन तंत्रिकाओं को होने वाली क्षति के कारण आपको अंगों में कमजोरी, चुभन, लकवा मारने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

जीबीएस के कारण होने वाली गंभीर स्थिति में आपको गंभीर रूप से लकवा मारने और सांस लेने में समस्या हो सकती है। सांस की दिक्कत वाले मरीजों को आईसीयू या वेंटिलेटर पर रखने की भी जरूरत होती है ताकि शरीर में ऑक्सीजन के संचार में कोई दिक्कत न आने पाए। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षणों पर भी गंभीरता से ध्यान देते रहें।
पैरों में कमजोरी जो शरीर के ऊपरी हिस्से तक फैल रही हो।
चलने या सीढ़ियां में असमर्थ होना।
बोलने, चबाने या निगलने में परेशानी होना।
पेशाब पर नियंत्रण न रह जाना या हृदय गति का बहुत बढ़ जाना।

कब जाएं डॉक्टर के पास?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पुणे-नागपुर सहित जिन शहरों में ये बीमारी ज्यादा देखी जा रही है वहां लोगों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

अगर आपके हाथ-पैर की उंगलियों में झुनझुनी-चुभन हो रही है और ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल रही हो, सीधे लेटने पर सांस लेने में परेशानी हो रही है, दम घुटने जैसा लग रहा हो तो बिना देर किए इमरजेंसी में डॉक्टर के पास जाएं। गिलियन बैरे सिंड्रोम एक गंभीर स्थिति है जिसके लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है क्योंकि इसके लक्षण बहुत तेजी से बिगड़ने लगते हैं। जितनी जल्दी इलाज शुरू हो जाए मरीज के ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।