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महाकुंभ यात्रा से जुड़ी सारी जानकारी एक क्लिक पर, संगम स्नान के लिए इन बातों का रखें ध्यान

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नई दिल्ली : अगर आप भी पहली बार महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं या उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पहली बार आ रहे हैं, तो इस जानकारी के आधार पर यात्रा कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ 2025 का आरंभ 13 जनवरी से हो गया है। दुनिया के सबसे बड़े इस दिव्य आयोजन में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने इतनी बड़ी संख्या में संगम नगरी प्रयागराज आने वाले यात्रियों के लिए खास व्यवस्थाएं की हैं। प्रयागराज के लिए देश के लगभग कई शहरों से रेल, फ्लाइट की व्यवस्था है। बस या निजी वाहन से भी संगम नगरी पहुंचा जा सकता है। हालांकि लोगों को मार्ग को लेकर और वहां महाकुंभ व घाट तक पहुंचने को लेकर कोई असुविधा न हो, इसके लिए यात्रा की पूरी जानकारी यहां दी जा रही है। ये जानकारी एक यात्री द्वारा साझा की गई है, जिसमें उसने प्रयागराज पहुंचने से लेकर महाकुंभ में शामिल होने, संगम में डुबकी लगाने और हनुमान मंदिर में दर्शन करने तक सारी जानकारी विस्तार से बताई है। अगर आप भी पहली बार महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं या उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पहली बार आ रहे हैं, तो इस जानकारी के आधार पर यात्रा कर सकते हैं।

कैसे पहुंचें प्रयागराज?

प्रयागराज तक पहुंचने के दो सबसे प्रभावी माध्यम है।

पहला, प्रयागराज हवाई अड्डा
दूसरा, प्रमुख रेलवे स्टेशन
प्रयागराज जंक्शन
प्रयागराज छिवकी
प्रयागराज संगम
सूबेदारगंज
नैनी जंक्शन
यदि प्रयागराज के लिए उड़ान महंगी है, तो आप वाराणसी या लखनऊ के लिए उड़ान ले सकते हैं।

संगम क्षेत्र तक कैसे पहुंचें?

प्रयागराज रेवले स्टेशन या हवाई अड्डे से संगम क्षेत्र जहां महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वहां तक पहुंचने के कई तरीके हैं लेकिन आपको दो बहुत उपयोगी विकल्प हैं,

पहला विकल्प है

  • प्रयागराज शहर से कीडगंज बोट क्लब तक ऑटो/कैब लें
  • आप नाव यात्रा कर सकते हैं जो सीधे संगम क्षेत्र में ले जाएगी।

नाव का किराया प्रति व्यक्ति 200 रुपये से 2000 रुपये तक हो सकता है, जो मांग और आपकी बातचीत के कौशल पर निर्भर करता है

नाव आपको किडगंज बोट क्लब से ले जाएगी और स्नान के बाद उसी स्थान पर वापस आ जाएगी, इसलिए आप मेले की भीड़ से बच जाएंगे।

दूसरा विकल्प है

  • आप नैनी जंक्शन पहुंच सकते हैं और वहां से ऑटो/कैब लेकर अरैल घाट पहुंच सकते हैं।
  • अरैल घाट से दिन के समय नावें उपलब्ध हैं। संगम क्षेत्र में ले जाने के लिए वे प्रति व्यक्ति 100 रुपये से 300 रुपये लेते हैं।

लेकिन यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो आप मध्य रात्रि में लगभग 1-2 बजे अरैल घाट या सोमेश्वर नाथ मंदिर मार्ग पर पहुंच सकते हैं। ऑटो या अस्थायी पुल का उपयोग करके संगम गेट (पुल संख्या 3) की ओर जा सकते हैं। पुल 3 से संगम घाट पास में हैं और 20-30 मिनट पैदल चलना होगा।

घाट पर संगम स्नान

घाट पर लाखों श्रद्धालु हर रोज पवित्र संगम में डुबकी लगाकर स्नान करते हैं। यह अनुभव स्वर्ग से भी परे और अवाक करने वाला होता है। संगम पर सुबह 4 बजे ठंडा था लेकिन स्नान के बाद जोश और उत्साह गर्माहट का अहसास कराता है। स्नान के बाद अर्घ और आरती देना न भूलें। इसके बाद श्री बड़े हनुमान जी मंदिर और अक्षयवट की ओर आगे बढ़ें।

25-30 मिनट पैदल चलने पर आप हनुमान मंदिर पहुंच जाएंगे। यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लें। यहां काफी भीड़ और श्रद्धालुओं की कतार मिल सकती है। दर्शन में आधे घंटे का वक्त लग सकता है। दर्शन के बाद, आपको मेला प्रवेश क्षेत्र तक 20-25 मिनट और पैदल चलना पड़ सकता है। इस स्थान से होटल या रेलवे स्टेशन/एयरपोर्ट तक के लिए ऑटो/कैब ले सकते हैं।

किन बातों का रखें ध्यान

सरकार और प्रशासन ने मेले की अच्छी योजना बनाई है, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए कई बार चीज़ें असहज हो सकती हैं।
अत्यधिक भीड़ के कारण मेला परिसर में बनें शौचालय बहुत खराब हालत में हैं। हो सकता है कि शौचालयों को लेकर आपको दिक्कत हो सकती है।
हल्का सामान लेकर यात्रा करें, नकदी साथ रखें और अपने सामान का ख्याल रखें।
अगर सुबह 2 बजे यात्रा शुरू करते हैं और सुबह 7 बजे तक मेला परिसर के बाहर आ सकते हैं। घूमने में लगभग 5 घंटे का वक्त लग सकता है।