नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि एचएमपीवी के मामले जरूर कंट्रोल में हैं पर कई देश इन दिनों एच5एन1 संक्रमण की चपेट में हैं। अमेरिका में बर्ड फ्लू के बढ़ते जोखिमों को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम ने वायरस में हो रहे म्यूटेशनों को लेकर लोगों को अलर्ट किया है।
हाल के दिनों में भारत सहित दुनिया के कई देशों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का तेजी से प्रकोप देखा गया। चीन से शुरू हुआ ये संक्रामक रोग देखते ही देखते दुनिया के कई देशों में फैल गया। हालांकि अब संक्रमण के वैश्विक मामले काफी कंट्रोल में दिख रहे हैं। गुजरात के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य में फिलहाल संक्रमण का कोई भी एक्टिव केस नहीं है। सभी छह लोग, जिनमें संक्रमण की पुष्टि की गई थी उनको ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि एचएमपीवी के मामले जरूर कंट्रोल में हैं पर कई देश इन दिनों एच5एन1 संक्रमण की चपेट में हैं। एच5एन1 जिसे बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है, ये लंबे समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। इस संक्रामक रोग को लेकर वैज्ञानिकों की टीम ने जो हालिया जानकारी साझा की हैं वह निश्चित ही चिंता बढ़ाने वाली है।
अमेरिका में बर्ड फ्लू के बढ़ते जोखिमों को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम ने वायरस में हो रहे म्यूटेशनों को लेकर लोगों को अलर्ट किया है।
अमेरिका में H5N1 से पहली मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी महीने संक्रमित मुर्गियों के संपर्क में आने के बाद अमेरिका में H5N1 से पहली मौत का मामला सामने आया है। इस घटना ने खतरे की घंटी बजा दी है। बर्ड फ्लू को लेकर जांच कर रही वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि वायरस में बहुत तेजी से म्यूटेशन देखा जा रहा है।
बर्ड फ्लू के एक स्ट्रेन में नौ म्यूटेशंस का पता चला है। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये म्यूटेशन वायरस को अत्यधिक संक्रामकता वाला बनाते हैं। बर्ड फ्लू के इस स्ट्रेन के मस्तिष्क में रिप्लीकेट होने का खतरा भी अधिक माना जा रहा है।
एच5एन1 वायरस में म्यूटेशन
टेक्सास बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में बताया कि बर्ड फ्लू पिछले कुछ महीनों में वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का कारण बनकर उभरता देखा जा रहा है। चूहों पर किए गए अध्ययन के बाद पाया गया है कि वायरस का ये नया स्ट्रेन मानव कोशिकाओं में प्रतिकृति बनाने यानी में सक्षम है।
यहां ध्यान देने वाला बात ये है कि पिछले कुछ महीनों में मवेशियों और कच्चे दूध में बर्ड फ्लू का पता चला था, ये स्ट्रेन उससे अलग है।
स्ट्रेन में म्यूटेशनों ने बढ़ाई चिंता
जर्नल इमर्जिंग माइक्रोब्स एंड इंफेक्शन्स में इस अध्ययन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। गायों में एच5एन1 संक्रमण का कारण बनने वाले स्ट्रेन की जब इस नए स्ट्रेन से तुलना की गई तो इसमें नौ म्यूटेशनों का पता चला।
टेक्सास बायोमेड के शोधकर्ता और वायरोलॉजिस्ट डॉ. मार्टिनेज-सोब्रिडो बताते हैं, मनुष्यों में देखे गए एच5एन1 वायरस के म्यूटेशन न सिर्फ इसकी संक्रामकता दर को बढ़ाने वाले हो सकते है, साथ ही इससे गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है। चूहों में इस वायरस के दुष्प्रभावों को लेकर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि संक्रमण की स्थिति में ये इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करने और इससे संबंधित बीमारियों को बढ़ाने वाला हो सकता है।
अमेरिका में बर्ड फ्लू संक्रमण से मौत के मामले ने और भी चिंता बढ़ा दी है।
बर्ड फ्लू क्या बनने वाला है बड़ा खतरा?
क्या बर्ड फ्लू वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है, इस बारे में अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि वायरस के स्ट्रेन्स की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए। नए म्यूटेशन किस प्रकृति के हैं इसको समझा जाना अभी बाकी है। हालांकि हाल के मामलों पर नजर डालें तो पता चलता है कि ये वायरस तेजी से संक्रामकता बढ़ाने वाला हो सकता है और इसके प्रसार की गति भी अधिक हो सकती है।
हाल के महीनों में बर्ड फ्लू वायरस कई खाद्य-पेय पदार्थों पाया गया। कई स्थानों पर गायों और कच्चे दूध में वायरस की पुष्टि हुई जिसको लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की डीन डॉ. मेगन रैनी ने एक रिपोर्ट में कहा, ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिसमें बर्ड फ्लू के संक्रमण ने गंभीर जटिलताएं बढ़ा दी हैं। इस वायरस को लेकर विशेष सावधानी और गहन चर्चा की जरूरत है क्योंकि इसमें एक संभावित महामारी की क्षमता हो सकती है।