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देश में संक्रमण के आठ मामले, जानें इसके लक्षण और किन लोगों को है खतरा

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नई दिल्ली : कोरोना से अभी लोग ठीक से उबर भी नहीं पाए थे इसी बीच एचएमपीवी एक नया खतरा बनकर बढ़ने लगा है। सबसे पहले चीन से खबरें सामने आईं कि देश में इस वायरस के संक्रमण ने अस्पतालों और श्मशान में भीड़ बढ़ा दी है। सोमवार को भारत में भी इस संक्रामक रोग का पहला मामला सामने आया।

इस संक्रामक रोग को लेकर लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं, आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

हिमाचल प्रदेश में आरटीपीसीआर टेस्ट शुरू

हयूमन मेटान्यूमो वायरस के देश में मामले सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ के गंभीर लक्षण वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने को कहा है। साथ ही विशेष लैब शुरू करने की तैयारी है, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर अन्य टेस्ट होंगे।

पुणे जिला प्रशासन ने दी जानकारी

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आने पर पुणे के जिला प्रशासन ने कहा कि संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। ये कई श्वसन वायरस में से एक है जो सभी उम्र के लोगों में संक्रमण का कारण बन सकता है, खासकर सर्दियों में। वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और स्व-सीमित होता है, और अधिकांश रोगी अपने आप ठीक हो जाते हैं।

भारत में HMPV के मामले

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के देश में 8 केस हो गए हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 2 केस सामने आए हैं। यहां 13 साल की लड़की और 7 साल का लड़का संक्रमित मिला है। वहीं कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में एक-एक केस मिलने पर 6 केस पहले ही सामने आए थे।

घबराएं नहीं, ज्यादा संक्रमित आसानी से हो रहे हैं ठीक

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह कोई नया और शक्तिशाली वायरस नहीं है।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा राज्य में संक्रमित पाए गए दोनों व्यक्ति ठीक हैं।”उनमें से एक 69 वर्षीय व्यक्ति है जो कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित है, जबकि दूसरा लगभग 45 वर्ष का है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जिन अन्य लोगों को ये संक्रमण हो रहा है वो आसानी से ठीक हो रहे हैं, इसलिए ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है।

कैसे फैलता है ये संक्रमण?

सीडीसी के अनुसार, अमेरिका में, एचएमपीवी अलग-अलग मौसमों में फैलता रहता है। सर्दियों में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है। एचएमपीवी संक्रामक रोग है और संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में आसानी से फैलता है। इन माध्यमों से संक्रमण का प्रसार हो सकता है।
खांसने और छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स।
ऐसी वस्तुओं या सतहों को छूना जिन पर वायरस हो
मुंह, नाक या आंखों को छूना।

संक्रमण से बचाव के लिए क्या करें?

डॉक्टर रविंद्र कहते हैं, भारत में न तो इससे बहुत ज्यादा खतरा है और न ही इससे बचाव के लिए कोई बहुत खास उपाय की आवश्यकता है।

श्वसन संक्रामक रोगों से बचाव के लिए कोविड में जो उपाय किए जाते रहे थे वही काफी हैं। जिन लोगों को पहले से कोमोरबिडिटी है या किसी गंभीर रोग का शिकार रहे हैं जिसने इम्युनिटी बहुत बिगाड़ दिया है उन्हें मास्क लगाने और सामाजिक दूर का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉक्टर ने दी लक्षणों के बारे में जानकारी

अमर उजाला ने अमेरिकी फिजिशियन डॉ रविंद्र गोडसे से बातचीत की। डॉ रविंद्र अमेरिका में एचएमपीवी संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये बहुत गंभीर रोग वाला वायरस नहीं है। इससे ज्यादातर संक्रमितों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं, कुछ लोगों में इसके कारण अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के मामले जरूर ट्रिगर हो सकते हैं। ये वायरस ज्यादातर कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों या फिर कमजोर इम्युनिटी वालों को अपना शिकार बना रहा है।

भारत में कहां-कहां रिपोर्ट किए गए मामले

6 दिसंबर को भारत में पहली बार एचएमपीवी संक्रमण का पहला मामला सामने आया है। कर्नाटक के बाद तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र में भी संक्रमित और कुछ संदिग्धों की पहचान की गई है। नागपुर में एचएमपीवी के दो संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है। ये वायरस ज्यादातर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है। भारत में सामने आए ज्यादातर मामले बच्चों में हैं।

देश में एचएमपीवी के मामले सामने आने के बाद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर है। इसे लेकर राज्यों को सतत निगरानी और सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के प्रबंधन की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आश्वसत किया है इस संक्रमण को लेकर डरने या घबराने की जरूरत नहीं है।

60 साल से ज्यादा पुराना है वायरस

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस इन दिनों भले ही चर्चा का विषय बना हुआ है पर ये कोई नया वायरस नहीं है, बिल्कुल उसी तरह जैसे कोरोना था। 2019 के आखिरी महीनों में भले ही नोवेल कोरोना वायरस के मामले सामने आए और दुनियाभर में खूब तबाही मची पर इससे पहले ये 2002-03 में भी फैल चुका था। इसी तरह एचएमपीवी दुनियाभर में 60 साल से अधिक समय से है और पिछले करीब 25 साल से हम सभी इसके बारे में जानते हैं।

चीनी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार, एचएमपीवी न्यूमोविरिडे फैमिली और मेटान्यूमोवायरस जीनस से संबंधित है। इसे सबसे पहले डच वैज्ञानिकों ने खोजा था, जिन्होंने श्वसन संक्रमण से पीड़ित बच्चों के नासॉफरीन्जियल एस्पिरेट्स में इसकी पहचान की थी। साल 2018 में अनुमानतः इस संक्रामक रोग के कारण 11,300 लोगों की मौत हुई।

इन देशों में भी फैल गया संक्रमण

अब तक प्राप्त जानकारियों के मुताबिक चीन से शुरू हुआ ये संक्रमण अमेरिका, मलेशिया और भारत भी पहुंच गया है।

मलेशिया में ये पहले भी रिपोर्ट किया जाता रहा है। साल 2024 में यहां संक्रमण के मामले पिछले वर्ष की तुलना में 45% अधिक देखे गए। 2024 में, कुल 327 लोगों को संक्रमित पाया गया ये संख्या 2023 में 225 थी। चीन के साथ साल 2025 में मेलिशिया में भी संक्रमण बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। बढ़ते खतरे को देखते हुए मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय को लोगों से सावधानी बरतते रहने की अपील की है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने मास्क पहनने, हाथों की स्वच्छता बनाए रखने और इम्युनिटी मजबूत करने की सलाह दी है ताकि वायरल संक्रमण के जोखिम से बचा जा सके।

अमर उजाला से बातचीत में अमेरिका में प्रेक्टिस कर रहे डॉ डॉ रविंद्र गोडसे ने बताया कि यूएस में भी कई लोगों में संक्रमण की पहचान की गई है हालांकि हालात कंट्रोल में हैं। भारत में छह दिसंबर को कर्नाटक में पहला मामला सामने आया। इसके बाद गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी संक्रमण रिपोर्ट किया गया।

चीन से शुरू हुआ ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस वैसे तो कोई नया वायरस नहीं है। ये छह दशकों से अधिक समय से है और पिछले करीब 25 साल से इस बारे में वैज्ञानिकों को जानकारी है। चूंकि ये एक आरएनए वायरस है जो जिंदा रहने के लिए प्राकृतिक रूप से म्यूटेट होते रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एचएमपीवी में भी नया म्यूटेशन हुआ है जिसकी वजह से चीन में संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ने लगे।

मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में चीन के अस्पताल और श्मशान घाटों में भारी भीड़ देखी गई। इन खबरों ने सवाल खड़े कर दिए है कि क्या कोरोना की ही तरह चीन से एक और महामारी दुनियाभर में फैलने वाली है?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस इन दिनों दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कोरोना से अभी लोग ठीक से उबर भी नहीं पाए थे इसी बीच एचएमपीवी एक नया खतरा बनकर बढ़ने लगा है। सबसे पहले चीन से खबरें सामने आईं कि देश में इस वायरस के संक्रमण ने अस्पतालों और श्मशान में भीड़ बढ़ा दी है। संक्रमण के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे पाए जा रहे हैं। चीन के बाद एचएमपीवी का प्रसार अन्य देशों में भी होने लगा है। सोमवार को भारत में भी इस संक्रामक रोग का पहला मामला सामने आया।

अब तक इस वायरस को लेकर मिल रही जानकारियों के मुताबिक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस काफी हद तक कोरोना वायरस से मिलता-जुलता है और इसके लक्षण भी कमोबेश एक जैसे ही हैं। कोरोना की तरह ही ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस भी श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहा है जिसके कारण लोगों को सर्दी-जुकाम और सांस से संबंधित जटिलताएं हो रही हैं।

भारत में संक्रमण के मामले सामने आने के बाद से लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इस संक्रामक रोग के क्या लक्षण हैं, किन लोगों को इसका खतरा है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है?