नई दिल्ली : हर साल 15 दिसंबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि मनाई जाती है। 1950 में इसी दिन मुंबई में सरदार पटेल का निधन हुआ था। उनके निधन ने पूरे देश को शोक में डाल दिया था।
भारतीय इतिहास में कई ऐसे महान व्यक्तित्व के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने देश के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया। इन महान व्यक्तित्व में सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम शामिल है जो कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, कुशल प्रशासक और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक थे। वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्तूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में एक किसान परिवार में हुआ था। वह महात्मा गांधी के सहयोगी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। देश की आजादी के बाद सरदार पटेल भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बनें। हर साल 15 दिसंबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि मनाई जाती है। 1950 में इसी दिन मुंबई में सरदार पटेल का निधन हुआ था। उनके निधन ने पूरे देश को शोक में डाल दिया था। लेकिन उनके योगदान और भूमिका को हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कर लिया गया। वह आज भी करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। सरदार पटेल की पुण्यतिथि के मौके पर उनके योगदान और जीवन से जुड़ी रोचक बातों के बारे में जानिए।
सरदार पटेल के प्रमुख योगदान
स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश को एकजुट करने के लिए कई प्रयास किए और सराहनीय कदम उठाएं। उनके योगदान का परिणाम ये रहा कि देश जो आजादी से पहले तक छोटी-छोटी रियासतों में बंटा था और राजा-नवाब आदि के नेतृत्व में था, वह एक लोकतांत्रिक सरकार के अंतर्गत आ गया।
क्यों कहते हैं लौह पुरुष
सरदार पटेल ने 562 देशी रियासतों को भारतीय संघ में विलय करवा कर भारत को एकता के सूत्र में बांधने का महान कार्य किया। इसलिए उन्हें “भारत के लौह पुरुष” के नाम से जाना जाता है। वह अपनी दृढ़ता और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध थे। वे निर्णय लेने में अडिग थे और किसी भी बाधा से घबराते नहीं थे। उनकी यही दृढ़ता देश के एकीकरण में मददगार साबित हुई।
बारदोली सत्याग्रह से मिली सरदार की उपाधि
स्वतंत्रता संग्राम की आग को तेजी देते हुए सरदार पटेल ने 1928 में गुजरात के बारदोली क्षेत्र में किसानों के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सफल आंदोलन किया। इसके बाद उन्हें “सरदार” की उपाधि दी गई। और बारदोली सत्याग्रह के दौरान उनके नेतृत्व की खूब प्रशंसा हुई।
राष्ट्रीय एकता के प्रतीक
सरदार पटेल ने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को प्राथमिकता दी। उनके सम्मान में गुजरात के केवड़िया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” बनाई गई, जो उनके महान योगदान का प्रतीक है।