मुनव्वर फारूकी के बेटे को थी कावासाकी डिजीज, कहीं आपके बच्चे में भी तो नहीं हैं ऐसे लक्षण?

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नई दिल्ली : मुनव्वर फारूकी ने हाल ही में एक साझात्कार में अपने बेटे की सेहत को लेकर भावुक कहानी साझा की। वह जब डेढ़ साल का था तो इस बीमारी का पता चला। एक लाख बच्चों में से करीब 20 बच्चों में यह बीमारी देखी जाती है।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

स्टैंड अप कॉमेडियन और ‘बिग बॉस 17’ फेम मुनव्वर फारूकी ने हाल ही में एक साझात्कार में अपने बेटे की सेहत को लेकर भावुक कहानी साझा की। बेटे मिखाइल को कावासाकी डिजीज थी, वह जब डेढ़ साल का था तो इस बीमारी का पता चला। कॉमेडियन ने साझा किया कि बेटे के इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। उसे इंजेक्शन की जरूरत थी, जिसकी कीमत 25 हजार रुपये थी और उनके जेब में बस 700 रुपये थे।

मुनव्वर ने कहा, ये स्थिति मुझे डराती है। मेरा बेटा तब डेढ़ साल का था। वह बीमार पड़ गया और 2-3 दिनों तक उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। उसे अस्पताल ले जाने के बाद, हमें पता चला कि उसे कावासाकी बीमारी है। इस स्थिति ने तोड़ दिया, ये आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित करने वाली समस्या थी।

कावासाकी डिजीज एक दुर्लभ समस्या है, जो बच्चों में हृदय की धमनियों को प्रभावित करती है। आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से समझते हैं।

कावासाकी रोग के बारे में जानिए

कावासाकी रोग दुर्लभ है, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 5 वर्ष से कम आयु के एक लाख बच्चों में से 10 से 20 बच्चों में यह बीमारी देखी जाती है।

कावासाकी रोग या कावासाकी सिंड्रोम के कारण रक्त वाहिकाओं की सूजन होने लगती है। सूजन वाली रक्त वाहिकाएं कमजोर होकर फैल जाती हैं। ऐसी स्थिति में उनके फटने या संकीर्ण होने का खतरा होता है। कावासाकी डिजीज सबसे ज्यादा 6 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों में होती है।

यह रोग सभी धमनियों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता कोरोनरी धमनियों में होने वाली दिक्कतें हैं। ये हृदय को रक्त की आपूर्ति करती हैं। कोरोनरी धमनियों के कारण बच्चों में हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

आपके बच्चे को भी तो नहीं है ये बीमारी?

कावासाकी रोग के कारण पांच या उससे अधिक दिनों तक 102.2 डिग्री फारेनहाइट से अधिक बुखार हो सकता है। इसके अलावा जननांग या शरीर के अन्य हिस्सों में दाने और चकत्ते होना, लिम्फ नोड में सूजन, आंखों में लालिमा बने रहने, जीभ में सूजन और लाल, सूखे, फटे होंठ इसका प्रमुख लक्षण हैं।

कावासाकी रोग से पीड़ित बच्चों में हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है। इस बीमारी के लक्षण बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम नामक बीमारी जैसे हो सकते हैं। यह सिंड्रोम कोविड-19 से पीड़ित बच्चों में अधिक देखा जाता रहा है।

अगर आपके बच्चे को तीन दिन से ज्यादा बुखार के साथ इस तरह की दिक्कतें बनी रहती हैं तो समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें। कावासाकी रोग के शुरू होने के 10 दिन के अंदर उसका इलाज करने से हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।

क्यों होती है ये बीमारी?

कावासाकी रोग किस कारण से होता है, इस बारे में विशेषज्ञों को ज्यादा जानकारी नहीं है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कावासाकी रोग बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के बाद हो सकता है, या यह पर्यावरण में मौजूद कारकों से जुड़ा होता है। कुछ जीन के कारण बच्चों में कावासाकी रोग होने की आशंका अधिक हो सकती है। सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत में इसके मामले ज्यादा सामने आते हैं।

लड़कों में लड़कियों की तुलना में इस बीमारी के होने की आशंका अधिक देखी जाती है। चूंकि इस बीमारी के कारण होने वाली जटिलताएं हृदय को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए समय रहते इस रोग का निदान और उपचार किया जाना बहुत आवश्यक है।

क्या इस रोग से पहले से बचाव किया जा सकता है?

शोधकर्ताओं को यह नहीं पता कि कावासाकी रोग किस कारण से होता है, इसलिए इसकी रोकथाम कैसे की जाए इस बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं है। जिन बच्चों में इस रोग का पता चलता है उन्हें कुछ दवाएं और इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे जटिलताओं को रोका जा सके। इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन लगभग दो से तीन प्रतिशत मामलों में ये दोबारा हो सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ ऐसे बच्चों के नियमित जांच की सलाह देते हैं।

इस बीमारी के कारण अगर बच्चों में दिल की समस्या बनी रहती है, तो इसके लिए लंबे समय तक इलाज की आवश्यकता हो सकती है।