नई दिल्ली : यूएस के साथ यूएई और भारत में भी कई स्थानों पर ई.कोली बैक्टीरिया के मामले बढ़ने की खबर है। बढ़ते जोखिमों को देखते हुए सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये संक्रमण एक नई महामारी का कारण बनने वाला है?
साल 2019 के आखिर में शुरू हुई कोरोना महामारी ने दुनियाभर में खूब आतंक मचाया। कोरोना के मामले अब भले ही काफी नियंत्रित हो गए हैं, पर संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है। कोरोनावायरस ने दुनियाभर में लोगों को संक्रामक रोगों से बचाव और इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय करने को लेकर अलर्ट कर दिया है। इन सभी के बीच विशेषज्ञों ने कई देशों में बढ़ते एक नए संक्रामक रोग के जोखिमों को लेकर सावधान किया है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएस-यूएई सहित भारत और कई अन्य देशों में ई.कोली बैक्टीरिया के कारण जोखिम बढ़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के मैसाचुसेट्स में एक छह वर्षीय लड़की की ई. कोली बैक्टीरिया के संक्रमण से मृत्यु हो गई। उसकी मां का कहना है कि यह संक्रमण संभवत: उसे चीज बर्गर खाने के बाद हुआ। बर्गर खाने के तुरंत बाद वह बीमार पड़ गई, समय के साथ उसकी तबीयत बिगड़ती गई जिससे अंतत: उसकी मौत हो गई। मेडिकल टेस्ट ने पुष्टि की है कि लड़की को ई. कोली बैक्टीरिया के नए स्ट्रेन के कारण संक्रमण हुआ था।
यूएस के साथ यूएई और भारत में भी कई स्थानों पर इस बैक्टीरिया की पुष्टि की गई है। बढ़ते जोखिमों को देखते हुए सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये संक्रमण एक नई महामारी का कारण बनने वाला है?
प्याज में पाया गया था बैक्टीरिया
हाल के सप्ताहों में, अमेरिकी सबसे बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बर्गर बेचने वाली एक कंपनी में इस्तेमाल होने वाले प्याज में ई. कोली बैक्टीरिया की पुष्टि की थी। इससे पहले यूएस के 13 स्टेट्स में कम से कम 75 लोग बीमार हुए थे। प्रकोप के बाद, कंपनी ने कथित तौर पर बर्गर बेचना बंद कर दिया था। इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में गाजर में भी ई.कोली के संक्रमण की बात सामने आई थी।
इसी को लेकर यूएई के जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार कहा कि वहां के स्थानीय बाजारों में गाजर ई. कोली बैक्टीरिया से दूषित नहीं हैं।
केरल में पानी के सैंपल में मिला बैक्टीरिया
भारत के भी कुछ हिस्सों में ई. कोली बैक्टीरिया की पुष्टि की गई है। केरल के कोच्चि में कई लोगों के बीमार पड़ने के बाद कुछ इलाकों से एकत्र किए गए पानी के सैंपल में ई.कोली बैक्टीरिया की मौजूदगी का पता चला। पिछले सप्ताह करीब 16 लोगों ने दस्त और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की थी, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने सैंपल एकत्रित किए।
थ्रिक्कारा नगर पालिका की अध्यक्ष राधामणि पिल्लई ने कहा, “टैंकों से एकत्र किए गए नमूनों में ई.कोली की मौजूदगी का पता चला, जहां बोरवेल का पानी संग्रहीत किया जाता था। निवासियों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की सूचना मिलने के बाद हमने पेयजल स्रोतों में सुपर क्लोरीनेशन शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी लोगों को इस बैक्टीरिया के संक्रमण और इसके जोखिमों से बचाव को लेकर अलर्ट किया है।
ई. कोली बैक्टीरिया के बारे में जानिए
एस्चेरिचिया कोली बैक्टीरिया आपके पेट, मूत्र पथ और शरीर के अन्य हिस्सों में संक्रमण पैदा कर सकता है। ज्यादातर मामलों में इससे आपको नुकसान नहीं होता है और बिना कोई क्षति पहुंचाए ये आपकी आंतों में रह सकता है। लेकिन इसके कुछ स्ट्रेनों के कारण दस्त, उल्टी और बुखार सहित कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम रहता है। कुछ लोगों में इसके कारण गंभीर बीमारी यहां तक कि किडनी फेलियर जैसी समस्या भी हो सकती है।
अधिकांश ई. कोली स्ट्रेन फेकल-ओरल ट्रांसमिशन के माध्यम से फैलते हैं। अधपके मांस और बिना पाश्चुरीकृत पेय पदार्थों और दूषित चीजों के खाने से ये संक्रमण फैल सकता है।
ई. कोली बैक्टीरिया संक्रमण के क्या लक्षण हैं?
ई. कोली गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बनते हैं जिसमें दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन, भूख न लगने, बुखार की समस्या हो सकती है। पानी जैसा दस्त होना आमतौर पर आपके जीआई ट्रैक्ट में संक्रमण का पहला लक्षण होता है। आपके शरीर के किस हिस्से में संक्रमण है, इसके आधार पर अलग-अलग लक्षण भी हो सकते हैं। अगर ई. कोली आपके मूत्र पथ को संक्रमित करता है तो इसके कारण पेट या पैल्विक हिस्से में दर्द, पेशाब करते समय दर्द या जलन और किडनी से संबंधित समस्याओं का खतरा हो सकता है।
संक्रमण से बचने के लिए हाथों को धोना सबसे महत्वपूर्ण है। खाना पकाने से पहले और बाद में, शौचालय का उपयोग करने, डायपर बदलने या जानवरों के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छे से साफ करें।