नई दिल्ली : भारत के पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर स्तन कैंसर से पीड़ित थीं, जिससे अब वह ठीक हो गई हैं। कैंसर की इस लड़ाई में नवजोत कौर ने क्या-क्या उपाय किए इस बारे में भी पूर्व क्रिकेटर ने जानकारी दी है।
वैश्विक स्तर पर कैंसर को स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती माना जाता रहा है। हर साल इस रोग के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भारतीय आबादी के लिए ये बीमारी इसलिए भी काफी खतरनाक रही है क्योंकि यहां पर अधिकतर लोगों में रोग का पता ही आखिरी के चरणों में चल पाता है जहां से इलाज के सफल होने और जान बचने की संभावना काफी कम हो जाती है। हालांकि कैंसर से जंग इतनी भी कठिन नहीं है। अगर समय रहते लक्षणों पर ध्यान दे दिया जाए, इलाज के साथ दिनचर्या और आहार में सुधार कर लिया जाए तो स्टेज 4 में भी इसे ठीक किया जा सकता है।
हालिया उदाहरण भारत के पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के कैंसर मुक्त होने का है। एक संवाददाता सम्मेलन में सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी नवजोत कौर अब कैंसर रोग से उबर गई हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे सच में गर्व महसूस हो रहा है कि उन्हें चिकित्सकीय रूप से कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है। करीब दो साल पहले उन्हें कैंसर का पता चला था, हालांकि इलाज और लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों के जरिए अब वह इस बीमारी से पूरी तरह से ठीक हो गई हैं।
कैंसर की इस लड़ाई में नवजोत कौर ने क्या-क्या उपाय किए इस बारे में भी पूर्व क्रिकेटर ने जानकारी दी है।
नवजोत कौर ने दी कैंसर को मात
गौरतलब है कि नवजोत कौर स्तन कैंसर से पीड़ित थीं, जिससे अब वह ठीक हो गई हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि पूरा इलाज एलोपैथिक तरीकों से किया गया, हालांकि साथ ही साथ उन्होंने आयुर्वेद का भी सहारा लिया, जिसका नतीजा ये रहा कि काफी गंभीर मानी जाने वाली इस बीमारी से उनकी पत्नी अब ठीक हो चुकी हैं।
सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान बताया, डॉक्टरों ने पहले कहा था कि इस बीमारी से ठीक होने का पांच प्रतिशत भी चांस नहीं है। हालांकि मैंने पहले ही इसको लेकर रिसर्च की थी, फिर हमने दिनचर्या और आहार में कुछ सुधार किया, जिसका परिणाम अब सभी के सामने है।
इन आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाया
पूर्व क्रिकेटर कहते हैं, जब भी कैंसर की बात होती है तो लोग कहते हैं इसमें करोड़ों रुपये का खर्च आता है। पर नीम की पत्तियों, कच्ची हल्दी, नींबू, सेब के सिरके पर क्या पैसा लगता है? रोगियों के आहार से अगर शुगर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर दी जाए तो कैंसर कोशिकाएं बढ़ने नहीं पातीं और खुद-ब-खुद डेड होने लगती हैं।
सिद्धू बताते हैं, उनकी पत्नी शाम साढ़े छह बजे से पहले खाना खा लेती थी और अगर दिन सुबह 10 बजे दिन की शुरुआत नींबू पानी के साथ करती थी। इसके आधा घंटा बाद 10-12 नीम के पत्ते खाती थीं।
क्या है डॉक्टर की सलाह
सिद्धू ने बताया कि इलाज और इन उपायों के माध्यम से वह 40 दिनों में ग्रेड-4 कैंसर से वापस आ गईं। अगर आप अपनी लाइफस्टाइल को ठीक कर लें तो कैंसर और फैटी लिवर दोनों ही समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
क्या कैंसर से वास्तव में बचाव किया जा सकता है? इस बारे में कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अल्तमश रिजवी बताते हैं, मेडिकल रिसर्च में खान-पान की कई चीजों और औषधियों में एंटी-कैंसर और एंटी-इफ्लेमेटरी गुणों का पता चला है, जिससे कैंसर से बचाव किया जा सकता है। नीम, हल्दी आदि को सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है। हालांकि जिन लोगों को कैंसर है उन्हें दवाओं के साथ किसी भी तरह के आयुर्वेदिक उपायों को प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। कुछ चीजें दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता खतरा
नवजोत कौर ने स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जीत पाई है। स्तन कैंसर का जोखिम दुनियाभर में तेजी से बढ़ता जा रहा है, 30 से कम उम्र की महिलाएं भी इसका शिकार पाई जा रही हैं। स्तन में अनियंत्रित कोशिकाओं की वृद्धि के कारण इस कैंसर का खतरा होता है। साल 2022 में महिलाओं में स्तन कैंसर के करीब 23 लाख नए मामले सामने आए, वहीं इसके कारण विश्वभर में 670,000 मौतें हुईं। ये दुनियाभर में दूसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। लाइफस्टाइल, आहार में गड़बड़ी के साथ-साथ कई प्रकार के पर्यावरणीय कारकों की भी इसमें भूमिका देखी जा रही है।