जम्मू कश्मीर : भारत में माता के कई प्रतिष्ठित मंदिर स्थित हैं, जहां हर साल हजारों-लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी के मंदिर से लेकर मध्य प्रदेश के मैहर में स्थित मां शारदा के मंदिर तक, देश के अलग-अलग कोने में प्रसिद्ध मंदिर और शक्तिपीठ हैं। देवी के कुल 51 शक्तिपीठ हैं, जहां हर साल खासतौर पर नवरात्रि के मौके पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इन शक्तिपीठों में से कुछ विदेशों में भी स्थित हैं। इस लेख में जानिए विदेश में स्थित चर्चित माता के मंदिरों और शक्तिपीठों के बारे में।
श्रीलंका में स्थित इंद्राक्षी शक्तिपीठ
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में देवी मां का प्रसिद्ध इंद्राक्षी शक्तिपीठ है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां माता सती की पायल गिरी थी। पौराणिक मान्यता है कि, देवराज इंद्र ने और भगवान श्रीराम ने भी इस मंदिर में देवी मां की पूजा की थी।
पाकिस्तान में हिंगुला शक्तिपीठ
भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी माता का एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। ये है हिंगुला शक्तिपीठ, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है। यह देवी मां का बेहद प्राचीन मंदिर है, जिसे हिंगुला शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि यहां माता सती का सिर गिरा था। इस मंदिर को नानी के मंदिर या नानी के हज के नाम से भी जाना जाता है।
तिब्बत का मनसा शक्तिपीठ
भारत के करीब स्थित तिब्बत में भी हिंदुओं के कई धार्मिक स्थल हैं। इन्हीं में से एक मनसा शक्तिपीठ है। मानसरोवर नदी के किनारे स्थित मनसा देवी शक्तिपीठ अपनी चमत्कारी शक्तियों के लिए जानी जाती हैं। मान्यता है कि यहां माता सती की दाईं हथेली गिरी थी।
नेपाल में स्थित हैं तीन शक्तिपीठ
नेपाल में एक दो नहीं बल्कि माता के तीन शक्तिपीठ स्थित हैं। पहला आद्या शक्तिपीठ, जो नेपाल में गंडक नदी के किनारे स्थित है। इसे लेकर मान्यता है कि यहां माता सती का बायां गाल गिरा था। यहां माता के गंडकी रूप की पूजा होती है। दूसरा शक्तिपीठ है गुहेश्वरी शक्तिपीठ- यह पशुपतिनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर बागमती नदी के किनारे स्थित है। मान्यता है कि यहां माता सती के दोनों घुटने गिरे थे। तीसरा शक्तिपीठ दन्तकाली शक्तिपीठ है- ये शक्तिपीठ नेपाल के बिजयापुर गांव में स्थित है। कहते हैं कि यहां माता सती के दांत गिरे थे, जिसके चलते यहां माता के दंतकाली स्वरूप की पूजा होती है।
बांग्लादेश में भी स्थित हैं कई शक्तिपीठ
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी हिंदुओं के कई मंदिर स्थित हैं। यहां कई शक्तिपीठ भी हैं। पहला उग्रतारा शक्तिपीठ, दूसरा अपर्णा शक्तिपीठ और तीसरा श्रीशैल महालक्ष्मी शक्तिपीठ। सुनंदा दी किनारे स्थित उग्रतारा शक्तिपीठ को लेकर मान्यता है कि इस जगह पर माता सती की नाक गिरी थी। अपर्णा शक्तिपीठ बांग्लादेश के भवानीपुरा गांव में है, जिसे लेकर कहा जाता है कि यहां माता सती के बाएं पैर की पायल गिरी थी और तीसरा श्रीशैल महालक्ष्मी, जो सिलहट जिले के शैल नाम के स्थान पर है। कहा जाता है कि यहां माता सती का गला गिरा था। इसके अलावा बांग्लादेश में चट्टल भवानी, यशोरेश्वरी माता शक्तिपीठ और जयंती शक्तिपीठ भी स्थित हैं।