यूपी : उत्तर प्रदेश में बैंकिंग सेक्टर ने तेजी से विस्तार किया है। इसी का परिणाम है कि महज छह महीने में प्रदेश में बैंक मित्रों की संख्या 1.20 बढ़ गई है। दिसंबर 2023 में जहां यूपी में 2.26 लाख बैंक मित्र थे, वहीं जुलाई की गणना में उनकी संख्या 3.15 लाख से भी ज्यादा हो गई है।
बीसी सखियों ने बैंक को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इससे जहां बैंकिंग सेक्टर का ग्रामीण इलाकों में तेजी से विस्तार हुआ। वहीं, बैंकों को 27 हजार करोड़ रुपये का कारोबार मिला। यही नहीं, 39 हजार बीसी सखियों ने कमीशन के तौर पर 75 करोड़ रुपये की कमाई भी की।
सितंबर 2023 में बीसी सखियों की संख्या करीब 36 हजार थी। इन्होंने पिछले साल तक करीब 22 हजार करोड़ रुपये का बैंकिंग लेनदेन किया। सितंबर 2023 से अब तक बीसी सखियों ने करीब 5 हजार करोड़ का लेनदेन किया है। बीसी सखी कार्यक्रम की शुरुआत मई 2020 में सीएम योगी ने की थी।
कार्यक्रम का मकसद था कि ग्रामीण महिलाएं पैसे कमा सकें, हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचे और वृद्ध व महिलाओं को बैंकों की लाइन में न लगना पड़े। छह साझेदार बैंकों के सहयोग से विजनेस कॉरेस्पोंडेंट कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
बीसी सखी बनाने में इनको प्राथमिकता
बीसी सखी बनाने के लिए पूर्व सैनिक, पूर्व शिक्षक, पूर्व बैंक कर्मी और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। अभ्यर्थी को कंप्यूटर चलाना आना चाहिए। कोई पुलिस केस नहीं होना चाहिए। इसके लिए एक परीक्षा भी होती है।
चलता फिरता बैंक हैं रीना, सुमन और प्रियंका
प्रयागराज की बैंक सखी रीना कुमारी अकेले 2000 से ज्यादा महिलाओं के बैंक खातों का संचालन करती हैं। पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। बाराबंकी की सुमन देवी भी हजारों महिलाओं की आर्थिक रीढ़ हैं। पीएम मन की बात में उनकी तारीफ कर चुके हैं। सुल्तानपुर की बीसी सखी प्रियंका मौर्य ने 929 बैंकिंग कार्य दिवस में 60 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन किया।
करती हैं ये काम
बीसी सखी जमा व निकासी, पैसा ट्रांसफर, लोन दिलाने में मदद, लोन रिकवरी में बैंक की मदद, बीमा लेने में मदद, आयुष्मान भारत, पीएम जीवन ज्योति, अटल पेंशन, पीएम स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं का लाभ दिलाना, अनुदान भुगतान, बिल भुगतान और सभी बैंकिंग सेवाएं गांव में लाने का काम करती हैं।
बैंक मित्र बनाने में फिनो पेमेंट और एयरटेल पेमेंट अव्वल
बैंक मित्र व बीसी सखी बनाने के मामले में फिनो पेमेंट लगभग 1.42 लाख, एयरटेल ने 90 हजार और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैक ने 18 हजार से ज्यादा बीसी सखी और बैंक मित्र बनाए हैं। सबसे कम महज निजी बैंकों ने 6200 बनाई हैं जबकि सरकारी बैंकों में ये संख्या करीब 49 हजार है।
बीसी सखी और बैंक मित्रों के काम
- जमा व निकासी
- पैसा ट्रांसफर करने का कार्य
- बैंक से लोन दिलवाने में सहायता
- लोन की रिकवरी करने में बैंक की सहायता
- बीमा लेने में लोगों की मदद करना
- आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलवाना
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना का लाभ दिलवाना
- अटल पेंशन योजना का लाभ दिलवाना
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिलवाना
- अनुदान भुगतान, बिल भुगतान
- सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाएं गांव में लाना
