नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ रही गर्मी लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रही है. आईएमडी ने देश के अधिकतर इलाकों में लू का अलर्ट जारी किया है, जिसका सीधा असर लोगों की मेंटल हेल्थ पर भी देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले समय में देश में प्रचंड गर्मी पड़ सकती है. लगातार चलने वाली हीटवेव के कारण कई लोग हीट एंग्जाइटी का शिकार हो रहे हैं.
भीषण गर्मी से सबसे ज्यादा वो वर्ग प्रभावित होता है, जो बाहर काम करते हैं, जैसे मजदूर और किसान. इन लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गर्मी का सबसे ज्यादा असर पड़ता है. वहीं जो लोग पहले से ही किसी मेंटल हेल्थ प्रोब्लम से पीड़ित हैं, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर तो भीषण गर्मी के गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग पहले से किसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी से पीड़ित हैं उनमें तेज गर्मी के कारण किसी ट्रॉमा में जाने या फिर मौत होने तक का रिस्क देखने को मिल सकता है.
जो लोग पहले से किसी मेंटल हेल्थ प्रोब्लम से जूझ रहे होते हैं, उनमें डिप्रेशन और स्ट्रेस डिसऑर्डर होने का रिस्क ज्यादा होता है. ऐसे लोगों में आत्महत्या के मामले भी काफी देखने को मिलते हैं. हाल ही में जिस तरह की प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिली हैं, ऐसे घटनाक्रम जलवायु संबंधी आपदाओं से खतरे में पड़े मौलिक अधिकारों को स्वीकार करने की दिशा में बदलाव का संकेत देते हैं.
संयुक्त राष्ट द्वारा साल 2022 में स्वास्थ्य, पर्यावरण और स्वच्छता को लेकर कई अहम फैसले लिए गए थे. भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वच्छता के अधिकार पर काफी जोर देते हुए ये कहा है कि सरकारों के लिए जलवायु संबंधी आपदाओं के समय अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना अनिवार्य है.