नई दिल्ली : सूरजमुखी के फूल अपनी सुनहरी पंखड़ियों और सुंदर आकार के कारण काफी खूबसूरत दिखते हैं। सूरजमुखी के फूल आकार में काफी बड़े होते हैं। खेतों में हजारों सूरजमुखी के फूलों को एक साथ देखना काफी मनमोहक होता है। ये सूर्य की किरणों में चमकते हुए काफी सुंदर दिखते हैं। सूरजमुखी के फूल का विकास ऐसे क्षेत्रों में ज्यादा होता है, जहां धूप करीब 6 घंटों से ज्यादा निकलती है। यही नहीं वे क्षेत्र जहां ज्यादा गर्मी होती है वहां ये तेजी से विकसित होते हैं।
सूरजमुखी के फूल को देखते हुए आपके मन में यह सवाल जरूर उठा होगा कि आखिर सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा में ही मुंह क्यों किए होते हैं? और सूर्य के साथ ही ये क्यों गति करते हैं? अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं, तो इस खबर के माध्यम से हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।
सूरजमुखी के फूल का मुख सूर्य की दिशा में ही क्यों होता है और ये सूर्य के साथ क्यों गति करते हैं? इसके पीछे का कारण हेलिओ ट्रॉपिज्म है। हेलिओ ट्रॉपिज्म के कारण ही फूल सूरज की दिशा की तरफ गति करते हैं।
हालांकि, रात के समय सूरजमुखी के फूल अपनी दिशा को पूरब की तरफ बदल लेते हैं। इसके बाद यह सूर्योदय होने का इंतजार करते हैं। हेलिओ ट्रॉपिज्म पर साल 2016 में एक अध्ययन किया गया था।
इस अध्ययन में इस बारे में बताया गया था कि जिस तरह इंसानों के अंदर एक बायोलॉजिकल क्लॉक होती है ठीक उसी तरह सूरजमुखी के फूलों में भी एक बायोलॉजिकल घड़ी होती है। ये सूरज की रोशनी को डिटेक्ट करती है और उसी के मुताबिक सूरज की दिशा में मुड़ने के लिए प्रेरित करती है।
रिसर्च में इस बारे में भी बताया गया था कि रात के समय सूरजमुखी के फूल आराम करते हैं और दिन के समय ये एक्टिवेट हो जाते हैं। सूर्य की रोशनी जैसे-जैसे बढ़ती है वैसे ही सूरजमुखी के फूल की सक्रियता भी बढ़ती जाती है। इस कारण यह कहा जाता सकता है कि हेलिओ ट्रॉपिज्म के कारण ही सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा में मुंह किए होते हैं।