‘भारत को सबसे अच्छा मित्र बनाना चाहता है अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी , बोले- नेतृत्व परिवर्तन से नहीं बदलेंगे संबंध

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नई दिल्ली : चीन का नाम लिए बिना गार्सेटी ने कहा कि यदि नई दिल्ली को क्षेत्रीय ताकतों से मुकाबला करना है, तो उसे किसी एक देश पर निर्भरता कम करनी होगी और कहा कि ऐसी निर्भरता न केवल आर्थिक जोखिम है, बल्कि सुरक्षा जोखिम भी है।

अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को कहा कि अमेरिका भारत को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाना चाहता है। कहा, व्हाइट हाउस में नेतृत्व परिवर्तन से दोनों देशों के संबंधों में कोई बदलाव नहीं आएगा।

चीन का नाम लिए बिना गार्सेटी ने कहा कि यदि नई दिल्ली को क्षेत्रीय ताकतों से मुकाबला करना है, तो उसे किसी एक देश पर निर्भरता कम करनी होगी और कहा कि ऐसी निर्भरता न केवल आर्थिक जोखिम है, बल्कि सुरक्षा जोखिम भी है। मिलकेन इंस्टीट्यूट के एक कार्यक्रम में राजदूत ने अमेरिकियों से भारत में अधिक निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निकट भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा, अमेरिका में नया राष्ट्रपति होगा, लेकिन भारत के प्रति अमेरिका की निष्ठा और मित्रता नहीं बदलेगी। गार्सेटी ने कहा कि हमारे रिश्ते की प्रकृति बदल गई है। अमेरिका हमेशा संकट के समय भारत के साथ खड़ा रहा है। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के भारत के प्रयासों का स्वागत किया।

पश्चिम नौसेना कमान के शीर्ष अधिकारियों से की चर्चा
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल संजय सिंह से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने समुद्री सुरक्षा सहयोग और द्विपक्षीय नौसैनिक संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। गार्सेटी के साथ मुंबई में अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइक हैंकी और अन्य अमेरिकी अधिकारी भी थे।

पश्चिमी नौसेना कमान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘समुद्री सुरक्षा सहयोग और द्विपक्षीय नौसैनिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।’ भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और रक्षा के क्षेत्र में मजबूत संबंध हैं।